Sunday, April 6, 2025

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास "होटल कन्हैया एंड रेस्टॉरेंट" - रिव्यु

            पुराणों एवं हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जो महादेव के विशेष मंदिर हैं उनमें स्थापित अथवा स्वयं से उत्पन्न प्रभावशाली शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। इनकी संख्या बारह है। इन ज्योतिर्लिंगों एवं उनके स्थानों के बारे में आप इस लिंक पर पढ़ सकते है - द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्मरणम् - बारह ज्योतिर्लिङ्ग का स्मरण। गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग इनमें से पहले हैं जबकि एलोरा के पास खुल्दाबाद में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग बारहवें हैं। नवंबर 2024 में जब हम लोग ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पर गए थे तो पहले त्र्यम्बक में त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा की थी। वहां हम लोग "होटल साईं यात्री" में रुके थे जिसका रिव्यु मैं पिछले पोस्ट में लिख चूका हूँ। आप यह रिव्यु इस लिंक पर पढ़ सकते हैं - होटल साईं यात्री, त्रयम्बक, महाराष्ट्र -रिव्यु। हमारा अगला ज्योतिर्लिंग, घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग था जहाँ जाने के लिए हम लोग अगली सुबह निकले थे। रास्ते में हम लोग नासिक के पंचवटी और साईं बाबा मंदिर होते हुए घृष्णेश्वर पहुंचे। यहाँ पहुँचते शाम हो गयी। 

 
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास “होटल कन्हैया एंड रेस्टोरेंट”
खुल्दाबाद, महाराष्ट्र। 

         ऑनलाइन होटल बुकिंग में कोई मंदिर के पास होटल न दिखा तो जो मुझे पास का जो ठीक होटल लगा वो मैंने बुक कर लिया। यह होटल था "होटल कन्हैया एंड रेस्टॉरेंट", खुलदाबाद। यहाँ पहुँच कर जब होटल की खोज की तो पाया कि यह होटल मंदिर के बहुत पास नहीं है। यद्यपि होटल और मंदिर के बीच पैदल जाया जा सकता है जो दूरी लगभग आधा किलोमीटर होगी। जो मुख्य पक्की सड़क है उससे यह होटल करीब 300 फ़ीट दूर है और कच्ची रास्ता है। होटल का मुख्य भवन बढ़िया दिखता है जिसके सामने पार्किंग के लिए बहुत जगह है। किन्तु होटल परिसर का कोई चहारदीवारी और गेट नहीं है। होटल नया ही बना है और स्टाफ अनुभवी नहीं हैं। दिन भर की यात्रा के बाद जब हम लोग यहाँ पहुंचे तो रिसेप्शन में एक 17 - 18 साल का लड़का बैठा था। पहले तो वह हमारे बुकिंग के बारे में बता न सका और किसी से फोन पर बात की। फिर रूम दिखाने के लिए प्रथम तल्ले पर ले गया। रूम देख कर मुझे सही नहीं लगा। मैंने नाराजगी दिखाई कि इस तरह का कमरा इतना पेमेंट के बाद क्यों लूंगा। तब एक व्यक्ति आया जो मैनेजर जैसा था। उसने कहा इसे नहीं पता मैं बताता हूँ कमरा। तब उसने ग्राउंड फ्लोर पर दो कमरे दिए जो ठीक-ठाक थे किन्तु रु. 3000 प्रतिदिन प्रति कमरे के हिसाब से सही न थे। 

होटल कन्हैया एंड रेस्टोरेंट का कमरा,
घृष्णेश्वर, खुल्दाबाद, महाराष्ट्र


       फिर घृष्णेश्वर मंदिर पर जाने के लिए आपको कच्ची रास्ते से मुख्य सड़क पर आना होता है जिस पर लगभग 500 फ़ीट चलने के बाद मंदिर की तरफ मुड़ने वाले स्थल तक आना होता है। मुख्य सड़क पर सावधानी से चलें क्योंकि सभी प्रकार की गाड़ियाँ तेज चलती हैं। इस सड़क पर एक नाले के ऊपर कल्वर्ट भी है जहाँ सड़क थोड़ी संकरी है, यहाँ कभी कभी गन्दगी भी रहती है। यद्यपि होटल में रेस्टॉरेंट नहीं है तथापि मुख्य सड़क पर नाश्ता एवं भोजन के लिए होटल हैं तथा एक साड़ी की बड़ी दूकान भी है। 

       अंत में यही कहूंगा कि मंदिर के पास में कोई बढ़िया होटल रात्रि विश्राम के लिए न मिलने की स्थिति में आप यहाँ रुक सकते हैं। हमारे घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग यात्रा के बारे में आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं -  श्रीघृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन-पूजन तथा एलोरा गुफाएँ।         


इस ब्लॉग के पोस्टों की सूची :--

43. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास "होटल कन्हैया एंड रेस्टॉरेंट" - रिव्यु


42. होटल साईं यात्री, त्रयम्बक, महाराष्ट्र -रिव्यु


 41. यूपी वाले ड्राइवर भैया






















 

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