Wednesday, May 17, 2023

मेहनत की कमाई

         यह एक छोटी सी सच्ची घटना है। कामवाली ने किश्तों पर स्मार्ट-फोन फ़रवरी महीने में लिया क्योंकि आजकल यह एक आवश्यक आवश्यकता सी हो गयी है। कई घरों में मेहनत कर बच्ची को पास के महंगे स्कूल में पढ़ा रही है। स्कूल से शिक्षक भी सन्देश मोबाइल पर देने लगे हैं। साथ ही प्रतिदिन छुट्टी की सूचना भी फोन से आती है जिसके बाद काम के बीच में बच्ची को स्कूल से लाकर घर छोड़ती है। इसके अलावा फोन से और भी कई जरूरतें पूरी होती हैं।    
मेहनत की कमाई का फोन

      एक सप्ताह पहले की बात है। बच्ची उसी मोबाइल में कुछ विडीओ देखते हुए चापानल के पास गयी जहाँ हाथ से छूटकर फोन पानी के बाल्टी में जा गिरा। बहार जब निकाला तो फोन बंद हो चुका था। डरकर बच्ची ने फोन को कपड़े से पोछा और घर में चुपचाप रख दिया। शाम का समय था। फोन की जरुरत रात तक न हुई। सबेरे कामवाली जब फोन को चार्ज में लगाने गयी तो देखा फोन तो बिलकुल डेड है। पूछताछ करने पर बच्ची ने सही बात बताई। पानी सुखाने के लिए उसे 24 घंटे तक चावल के डब्बे में रखा। पर कोई फायदा न हुआ। न फोन ऑन हो और न चार्ज ही हो। हमने सुना तो बहुत अफ़सोस हुआ। सुझाव दिया की धूप में रखकर देखो शायद पानी पूरा निकले। अगले दिन तक भी कुछ न हुआ। मैंने कहा फोन अभी वारंटी में है, ग्राहक सेवा केंद्र में जा कर दिखाओ शायद कुछ करे। उसने फोन और बिल मेरे घर में पटका और बोला कि मुझे काम से कहाँ फुर्सत है, ऊपर से कहाँ जाऊँ कैसे करूँ नहीं समझ आता। आप ही दिखा दीजिये। उसका पति भी दिन में छड़ बैंडिंग के कामपर जाता है। अभी फोन की पूरी किश्त भी नहीं चुकी है। 
          गूगल सर्च किया तो चावल में रखने के अलावा सिलिका जेल के पैकेट के साथ डब्बे में बंद करने की टिप पढ़ी। जूतों के डब्बों से खोजकर सिलिका जेल के पैकेट के साथ फोन को डब्बे में बंद किया। सिम-ट्रे भी निकाल दिया ताकि नमी आसानी से निकले। अब फोन का पिछला कवर खुलने वाला आता नहीं जिससे नमी निकलना आसान नहीं होता। अगले दिन उम्मीद के साथ ऑन करने की कोशिश की, चार्ज करने की कोशिश की पर बेकार। उसदिन रविवार था, अतः अगले दिन कस्टमर केयर जाने का सोचा।  
          सोमवार को कस्टमर केयर जाते जाते चार बज गए। उन्होंने देखा तो बोला बैठिये, देखते हैं। फोन को गर्म कर खोलते हैं। आधे घंटे बाद पिछला कवर खोल कर दिखाया और बोला यह देखिये, इस जगह हरा जंग सा लगा हुआ है। जरूर फोन काफी देर तक पानी में रहा है। मैं बोला अभी तो वारंटी पीरियड के अंदर है, ठीक कर दीजिये। उसने कहा पानी घुस जाने पर वारंटी काम नहीं आएगी। यह शर्तों के साथ होती है। आगे अगर फोन इसी तरह ले जाना है तो ले जा सकते हैं या मरम्मत करानी है तो एस्टीमेट बता सकता हूँ वह भी एक शर्त के साथ। "क्या शर्त?" मैंने पूछा। वह बोला कि अगर एस्टीमेट जान कर मरम्मत नहीं कराते हैं तो 120 रूपये चार्ज लगेंगे। अगर मरम्मत कराते हैं तो यह चार्ज नहीं लगेगा सिर्फ मरम्मत का चार्ज लगेगा। मैं बोला ठीक है, बताओ चार्ज मरम्मत का। उसने फिर मुझे आधे घंटे से ज्यादा बैठाया और बोला मदर बोर्ड के साथ साथ तीन और सामान बदलने होंगे। कुल खर्च कंप्यूटर के चार्ज लिस्ट से देखकर लगभग 4,500/- रूपये बताये। सुनकर मैं मायूस हो गया। 7500/- के फोन के मरम्मत पर 4500/- खर्च करना वाज़िब न लगता था। उसे 120/- चुकाया और फोन लेकर वापस घर आ गया। मंगलवार की सुबह जब वह काम करने आयी तो पत्नी ने फोन का हाल बता दिया। वह भी मायूस हो कर काम करने के बाद अपना फोन लेकर चली गयी।  
       आज बुधवार की सुबह जब वह आयी तो चहकते हुए पत्नी से बोली, "आंटी, मेरा फोन ठीक हो गया। " पत्नी ने भी आश्चर्यमिश्रित ख़ुशी से पूछा कि कहाँ तुमने ठीक कराया। वह बोली, "कहीं नहीं। आज सवेरे यूँ ही चार्ज में लगाया तो स्क्रीन ऑन हो गया। फिर फोन भी खुल गया और काम कर रहा है। अंकल जो कस्टमर केयर ले गए ना, लगता है वहाँ कवर खुलने और हीट करने से सारा नमी निकल गया। "  
          जिसने भी सुना आश्चर्य और ख़ुशी व्यक्त किया। मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि दिन भर मेहनत करने वाली का खून-पसीने की कमाई बर्बाद होने से भगवान ने बचा लिया। 
                         --- आज दिनांक 17 मई, 2023 {बुधवार}               

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